राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत पर रिहाई के बाद से सिवान लगातार चर्चा में बना हुआ है.
दरअसल बीते दो दशक के दौरान सिवान में होने वाले हर अपराध को शहाबुद्दीन से जोड़कर देखा जाता रहा है.
ऐसे ही पांच बड़े मामलों का हाल, देखिए.
राजपुर हत्याकांड - 13 सितंबर, 1996: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नेता ग़ुलाम हैदर के घर बक़रीद की ख़ुशियों का माहौल था. इसी दौरान हथियारबंद लोगों ने सिवान के आंदर प्रखंड के राजपुरा गाँव में उनके घर पर हमला कर दिया.
इस हमले में ग़ुलाम हैदर के बुज़ुर्ग पिता और एक रिश्तेदार के अलावा उनकी तीन साल की बेटी को मौत के घाट उतारा गया. ग़ुलाम हैदर उस वक़्त अपने घर पर नहीं थे. इस मामले में मोहम्म्द शहाबुद्दीन पर साज़िशकर्ता होने का आरोप है.
छात्र नेता चंद्रशेखर हत्याकांड - 31 मार्च, 1997: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के आह्वान पर सिवान के जेपी चौक के पास धरना चल रहा था जिसमें संगठन के लोग इलाक़े में सामंतवादियों और अपराधियों के बीच के गठजोड़ के ख़िलाफ़ लोगों को गोलबंद होने के लिए कह रहे थे.
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