इस महिला के सामने जब आई खतरनाक बाघिन, ऐसे किया डटकर मुकाबला

147 लोगों की टीम में सीमा राजगौड़ इकलौती महिला हैं।
भोपाल।भाेपाल फॉरेस्ट सर्किल की इस इकलौती महिला डिप्टी रेंजर ने फील्ड में पहुंचकर बाघों की एक्टिविटीज की माॅनीटरिंग की कमान संभाली है। 2014 में प्रमोशन के बाद इन्हें करमई बीट सौंपी गई। हाल ही में बेहतर माॅनीटरिंग के लिए वन विभाग ने इन्हें अन्य बीट के नौ पुरुष साथियों को पुरस्कृत किया। पुरस्कार पाने वाली इस टीम में सीमा राजगौड़ इकलौती महिला हैं। ड्यूटी के दौरान सीमा का सामना बाघिन से भी हुआ। वह अनुभव सीमा ने भास्कर से शेयर किए। सामने आ गई बाधिन और दहाड़ने लगी...
- मैं मध्य प्रदेश के सिहोर जिले रेहटी के एक ऐसे क्षेत्र से हूं जहां पर लड़कियों की शादी आठवीं की पढ़ाई के बाद कर दी जाती है।
- सीमा ने जिद की तो माता-पिता ने इस शर्त पर पढ़ने दिया कि 12 कक्षा पास करने के बाद शादी कर देंगें।
- सीमा ने बताया कि 12वीं पास करते ही वन रक्षक की पोस्ट निकली और मैं सिलेक्ट हो गई और अब यहां हूं।
सामने आ गई बाधिन और दहाड़ने लगी
- बात है 2 जून 2016 की है... कर्मचारियों ने बताया था कि टाइगर का मूवमेंट हुआ है और शायद एक नहीं, कई टाइगर है.. पानी के गड्ढे के पास कैमरा लगाया था।
- मैं और तीन अन्य लोग उसे निकालने जा रहे थे। पानी के गड्ढे वाली पगडंडी पर चल रहे थे, कि देखा सामने से एक बाघिन आ रही थी। उसके पीछे तीन माह के चार शावक थे।
- मैं और बाघिन एक ही पगडंडी पर थे, ठीक आमने-सामने। बाघिन एक क्षण को ठिठकी और अचानक ही दहाड़ने लगी। इससे शावक उसके पीछे छिप गए।
- मेरे साथ वाले लोग बहुत ज्यादा डर गए थे। मैंने कहा- भागना मत। मैं अपनी जगह डटी रही।
- उधर जैसे बाघिन जायजा ले रही थी, कि हम लोग उसे और उसके शावकों के लिए नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे। जब हमने रास्ता नहीं छोड़ा तो बाघिन ने पलटकर शावकों की अोर देखकर दहाड़ा। इस बार की दहाड़ पहले जैसी नहीं थी।
साथियों ने कहा यह बाधिन खतरनाक

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